क्या आपको पता है, मस्तिष्क में “डिलीट” बटन होता है?

हेलो दोस्तों कैसे है आप सभी हम उम्मीद करते है की आप सभी ठीक होंगे और सेफ होंगे आज हम अपने इस पोस्ट के माध्यम से ये बताना चाहते है की आपके दिमाग में भी एक डिलीट बटन होता है हैरान हो गए न सुनकर चलिए जानते है ये कैसे पॉसिबल है 
हमारे मस्तिष्क में डिलीट बटन होता है, क्या आपने कभी सोचा हैं.की मस्तिष्क किस प्रकार से अनावश्यक कनेक्शन को कैसे हटाता है और कैसे हम नई चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त कर पाते हैं. 

न्यूरोसाइंस के अनुसार दिमाग में एक न्यूरो सर्किट होता है, जिसे आप जितना इस्तेमाल करते हैं यह उतना ही मजबूत हो जाता है. एक कहावत भी है कि अभ्यास से ही मनुष्य या जानवर परिपूर्ण बनते हैं इसे हम ऐसे समझ सकते है कि जब हम कोई भाषा या कोई इंस्ट्रूमेंट सीखना प्रारंभ करते हैं, तो हमें बार-बार प्रैक्टिस करनी पड़ती है, उसी तरह से हमारे मस्तिष्क में स्थित न्यूरो सर्किट को भी बार-बार इस्तेमाल करने पर वह मजबूत हो जाता
है.

सीखने की क्षमता न्यूरल कनेक्शन के निर्माण को मजबूत करने से बढ़ती जाती है. इससे भी ज़्यादा महत्वपूर्ण यह है कि हम पुरानी बातों को या फिर समय के साथ पुरानी घटना को भूलने की क्षमता रखते हैं. इसी को "अन्तर्ग्रथनी छंटाई" कहते है. देखते हैं कैसे काम करता हैं.

मानव दिमाग के बारे में 10 तथ्य

आपका दिमाग एक बगीचे की तरह होता है

जिस प्रकार से हम बगीचे में फूल, फल आदि बोते है उसी प्रकार से दिमाग में आप न्यूरॉन्स के बीच अन्तर्ग्रथनी कनेक्शन को बढ़ा सकते हैं. माली बगीचे की देखबाल करता है उसी प्रकार ग्लियल कोशिकाएं आपके मस्तिष्क के माली का काम करती हैं- वे न्यूरॉन्स के बीच सिग्नल को तेज करने के लिए कार्य करती हैं. लेकिन अन्य ग्लियल कोशिकाएं  कचरे को हटाती हैं. आपके मस्तिष्क की छंटाई वाली माली को "माइक्रोग्लियल कोशिकाएं"  कहते है. वे आपके अन्तर्ग्रथनी कनेक्शन की छटनी करती है.

दिमाग छटनी होती कैसे है? 

जिन synaptic कनेक्शन का उपयोग कम होता है, वे चिह्नित किए जाते हैं और एक प्रोटीन, C1q (और साथ ही अन्य) के साथ बंध जाते है. जब माइक्रोग्लियल कोशिकाएं उस निशान या चिह्न्न का पता लगा लेती है, तो वे प्रोटीन के साथ बंधकर उसको नष्ट कर देती हैं. इस प्रकार से छटनी या डिलीट की प्रक्रिया होती है और इसी वजह से आप नई चीजों को सीख पाते है और याद कर पाते हैं.

जब आप बहुत सी नई चीजें सीखते हैं, तो आपका मस्तिष्क कनेक्शन बनाता है, लेकिन वे अक्षम होते है. इसीलिए आपके मस्तिष्क को बहुत सारी चीजों की छटनी करनी पढ़ती है ताकि नए कनेक्शन और अधिक सुव्यवस्थित, कुशल मार्गों का निर्माण किया जा सके. ऐसा तब होता है जब हम सोते हैं.

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जब आप सोते हैं, तो आपका मस्तिष्क स्वयं को साफ करता है- आपके मस्तिष्क की कोशिकाओं को 60% तक सिकुड़ते हुए अपने ग्लियल माली के लिए जगह बनाता है ताकि बेकार की चीजों को हटाया जा सके.
इसीलिए हमें 10 या 20 मिनट की नेप जरुर लेनी चाहिए ताकि माइक्रोग्लियल गार्डनर्स को मौका मिल जाए, बिना इस्तेमाल हुए कनेक्शन को ख़त्म करने का और नए बनाने के लिए जगह स्थापित करने का.



आपका दिमाग जानता है क्या रखना है और क्या नहीं

जब आप सोते है तो मस्तिष्क उन कनेक्शन को डिलीट कर देता है जिसे आपने काफी टाइम से इस्तेमाल ना किया हो. इसलिए कहते है कि मस्तिष्क को भी शोधन की आवश्यकता होती है और इस बारे में सावधान रहें कि आप किस बारे में सोच रहे हैं.

अपने मस्तिष्क की प्राकृतिक बागवानी प्रणाली का लाभ उठाने के लिए, बस उन चीजों के बारे में सोचें जो आपके लिए महत्वपूर्ण हैं. आपका मस्तिष्क उन कनेक्शनों को मजबूत करता है जिनका इस्तेमाल आप अपने जीवन प्रणाली में अधिकतर करते है और उन विचारों को छाटेंगे जिनके बारे में आप कम सोचते है या जिन चीजों पर आप कम ध्यान देते हैं. हमेशा अच्छा सोचें, पॉजिटिव रहें ताकि आपका मस्तिष्क भी उसी दिशा में काम करें.

क्या आपको पता है मानव दिमाग में और क्या-क्या होता हैं

- मानव मस्तिष्क में 12-25 वाट बिजली उत्पन्न होती है, जोकि कम वोल्टेज वाले एलईडी लाइट जलाने के लिए पर्याप्त हैं.
-  हमारे चेहरे पर दिखाई देने वाली झुर्रियां मानव मस्तिष्क को और भी तेज बनाती है.
-  मस्तिष्क में ज्यादातर, कोशिकाएं न्यूरॉन्स नहीं हैं? न्यूरॉन्स केवल 10% मस्तिष्क कोशिकाएं ही बनाती हैं, जबकि 90% मस्तिष्क कोशिकाएं “ग्लिया” बनाती है, जिसे ग्रीक में “ग्लू” कहा जाता है.
- “ब्रेन रूल्स” नामक किताब में यह समझाया गया है कि एक साथ बहुत सारे कार्य करना (multi-tasking) कैसे हानिकारक हो सकता है. अनुसंधान से पता चलता है कि एक साथ बहुत सारे कार्य करने (multi-tasking) से हमारी त्रुटि दर 50 प्रतिशत बढ़ जाती है और हमें काम करने में दोगुना समय लगता है.
- गर्भावस्था के दौरान न्यूरॉन्स प्रति मिनट 2,00,000 से भी अधिक तेजी से बढ़ता है.

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मानव दिमाग 

हर जीव जंतुओं में मस्तिष्क अधिकांश शरीर का आवश्यक अंग हैं. सर्वाधिक विकसित होने वाला अंग मस्तिष्क ही है. यह 1350 से 1400 ग्राम का होता है.

मानव मस्तिष्क के तीन भाग होते हैं-अग्र मस्तिष्क, मध्य मस्तिष्क और पश्च मस्तिष्क.
अग्र मस्तिष्क को प्रोसेनसिफेलोन कहते हैं. अग्रमस्तिष्क में डाइएनसिफेलोन उपापचय तथा जनन क्रिया, दृक पिण्ड दृष्टि ज्ञान का नियन्त्रण और नियमन करते हैं.
मध्य मस्तिष्क को मीसेनसिफेलोन कहते हैं. यह दृष्टि एवं श्रवण संवेदनाओं को प्रमस्तिष्क तक पहुँचाने का कार्य करता है.
पश्च मस्तिष्क को 'रॉम्बेनसिफैलॉन' कहते हैं. यह शरीर में होने वाली सभी प्रकार की शारीरिक गतियों का संचालन करता है.

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